Rudrabhishek vidhi:
•Rudrabhishek भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा मानी जाती है। जल, शहद, पंचामृत, भस्म इत्यादी चीजो से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है।
•यह पूजा मासिक शिवरात्रि, महा शिवरात्रि एवं सोमवार के दिन पर करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
•महा शिवरात्रि के दिन पर शिव अभिषेक का बहुत अधिक महत्व बताया गया है आइए जानते हैं Rudrabhishek vidhi, फायदे और कैसे आप काशी के प्रसिद्ध मंदिर में अपने एवम अपने परिवार के नाम से रुद्राभिषेक करवा सकते हैं।
•Rudrabhishek vidhi के बारे में जानते हैं विस्तार से |
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है ।
मान्यता अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और जगत जननी माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे अतः हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि भी मनायी जाती है ।
इस दिन व्रत रखने से दांपत्य जीवन में सुख और समृद्धि होती है वही अविवाहित लोगो को यह व्रत रखने से उनके विवाह के योग जल्दी बनने लगते हैं ।
मान्यता अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव पृथ्वी पर उपस्थित सभी शिवलिंगों में वास करते है और इस दिन उनके भक्त पूरी आस्था और श्रद्धा से महाशिवरात्रि का व्रत रखते है ताकि भगवान शिव की कृपा उनपर बनी रहे ।
आइये जानते है महाशिवरात्रि पर्व पर किए जाने वाले पूजा विधि के बारे विस्तार से ।
Maha Shivaratri पूजा vidhi (Rudrabhishek) :
सुबह प्रातः काल जल्दी उठ कर पास के नदी अथवा गंगाजल युक्त जल से स्नान करें ।
स्नान करके साफ़ वस्त्र पहनें और भगवान शिव और माता पार्वती को प्रणाम करके व्रत का संकल्प लें।
गंगाजल का आचमन करें और ख़ुद पर गंगाजल छिड़क कर ख़ुद को शुद्ध करें ।
इसके बाद कोशिश करें कि सूर्या देव को अर्घ्य दें ।
दैनिक कार्यों को पूरा करने के बाद पूजा घर में एक साफ़ चौकी रखे उसपर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें ।
सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करके उनसे सफल पूजा का आशीर्वाद लें ।
इसके बाद भगवान शिव का दूध या गंगाजल से अभिषेक करें ( कोशिश करें कि इस दिन अपने घर पर रुद्राभिषेक ज़रूर कराएँ ) ।
इसके बाद भांग , धतूरा , बेलपत्र , मनार का फूल इत्यादि चीज़ें भगवान शिव को अर्पित करें ।
इस समय शिव चालीसा अथवा शिव स्तोत्र का पाठ करें ।
भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र “ ॐ नमः शिवाय “ का जाप करें ।
इस दिन शिव पुराण पढ़ने का बहुत महत्व है ।
भगवान शिव और माता पार्वती के समक्ष धूप बत्ती और दिया जलाएँ ।
नैवेद्य वस्तुएँ भगवान को अर्पित करें ।
इसके बाद भगवान शिव की आरती करें और सुख शांति और समृद्धि की कामना करें ।
आरती करने के बाद कुछ समय पूजा घर में ध्यान करें और भगवान शिव की आराधना करें ।
दिन भर उपवास रखे और संध्याकाल काल में प्रदोष काल के दौरान पुनः भगवान शिव की विधिवत आराधना करें और आरती करके फलाहार करें ।
इस दिन रात्रि में भगवान शिव का भजन कीर्तन करने का महत्व है ।
अगले दिन पारण के समय व्रत खोलें ।
Contact to Book Rudrabhishekam in Kashi- +918318775717
महाशिवरात्रि Rudrabhishek Puja samagri:
बेल पत्र
मनार के फूल
भांग
धतूर
शमी पत्र
गंगाजल
पंचामृत के लिए ( कच्चा दूध , शहद , शक्कर , घी , दही )
पंचमेव
फल
फूल
इत्र
अगरबत्ती / धूपबत्ती
यह न्यूनतम सामग्री में आप भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा कर सकते हैं।
बेल पत्र चड़ाने से पूर्व उसे अच्छे से धोयें।
Opmerkingen