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राम मंदिर का इतिहास:
•सरयू नदी के किनारे बसा एक शहर “ साकेत “ जो आज अयोध्या के नाम से प्रसिद्ध है और सनातन इतिहास के हिंदू ग्रंथ रामायण और महाभारत के अनुसार अयोध्या भगवान श्री राम की जन्मभूमि है ।
•वाल्मीकि रामायण के बालकाण्ड के अनुसार, अयोध्या 12 योजन लंबा और 3 योजन चौड़ा था जिसको भगवान राम के पिता राजा दशरथ ने इंद्र के अमरावती की तरह सजाया था।
•साल 1528 का था जब मुग़ल बादशाह बाबर के आदेश पर मंदिर को तोड़ कर उस जगह पर बाबरी मस्जिद बना दिया गया था और तब से लेकर साल 2019 तक बहुत से दंगे भी हुए जिसकी वजह से बाबरी मजीद को वर्ष 1992 में गिरा दिया गया जिस्में तक़रीबन 2000 की मौत हो गई थी ।
•हिंदू पक्ष के दावे के अनुसार साल 1950 में फ़ैज़ाबाद कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की गई और 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के पाँच जजों की बेंच ने राम मंदिर के पक्ष में फ़ैसला सुनाया ।
•05 अगस्त 2020 को कुल 492 साल के बाद दुबारा से मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किया गया जिसका भूमि पूजन पीएम नरेंद्र मोदी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सीएम योगी आदित्यनाथ और साधु संतों के मौजूदगी में किया।
•पहली बार वर्ष 1988 में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार ने राम मंदिर का मूल डिज़ाइन तैयार किया था , सोमपुरा परिवार मंदिर निर्माण के कार्यों में 100 सालों से अधिक का योगदान दे चुके हैं और मूल डिज़ाइन में कुछ बदलाव करके दुबारा से मंदिर का डिज़ाइन साल 2020 में पूरा किया गया ।
मुख्य मंदिर :
कुल क्षेत्र 2.77 Acres
कुल निर्मित क्षेत्र 57,400 Sq. ft
मंदिर की लम्बाई 360 feet
मंदिर की चौड़ाई 235 feet
मंदिर की ऊँचाई 161 feet
तल की संख्या 3
गेट की संख्या 12
मंदिर के कुछ प्रमुख क्षेत्र :
•श्री राम कुंड
•कर्म क्षेत्र
•हनुमान गढ़ी
•महर्षि वाल्मीकि
•रामकथा कुंज ( पूजा हॉल )
•वैदिक पाठसाला
•संत निवास
•लक्ष्मण वाटिका
•माता सीता रसोई
•मर्यादा खंड
•लाव कुश निकुंज
•आदर्श गौसला
•माता कौसल्य वात्सल्य मंडप
22 जनवरी 2024 को ही क्यों हो होगा राम मंदिर का भव्य उद्घाटन ?(ram mandir udghatan 2024)
पंचाग अनुसार 22 जनवरी को कर्म द्वादशी है जो की भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दिन पौष शुक्ल पक्ष के नक्षत्र मृगशीरा का योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है जो की किसी शुभ कार्य को करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है ।(ram mandir udghatan 2024)
राम मंदिर का भव्य उद्घाटन :
राम मंदिर के भव्य उद्घाटन में 25000 हवन कुंड के साथ राम मंदिर का उद्घाटन होगा
613 किलो का घंटा लगाया जाएगा जिसकी ध्वनि तक़रीबन दस किलोमीटर तक सुनायी देगी
एक किलो सोना और चार किलो चाँदी से बनी भगवान का कि चरण पादुका और 108 फीट की विशाल अगरबाती का इस्तेमाल किया जाएगा
राम मंदिर इतिहास :-
साल 1528 :
मुग़ल बादशाह बाबर के आदेश पर मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनवाया गया जिसपर हिंदू समुदाय ने उस जगह पर मंदिर होने का दावा किया ।
साल 1853-1949 :
इस जगह पर पहली बार दंगे हुए , 1859 में अंग्रेज़ी प्रशासन ने विवादित जगह पर घेराबंदी कर दी , मुसलमानों को ढाँचे के अंदर और हिंदुओं को बाहर चबूतरे पर पूजा करने की इज़ाजत मिली ।
साल 1949 :
मस्जिद के अंदर भगवान राम की मूर्ति मिलने की वजह से असली विवाद शुरू हुआ था (23 दिसंबर 1949 ) ।
साल 1950 :
फ़ैज़ाबाद सिविल कोर्ट में एक भगवान राम की पूजा करने की इजाज़त और विवादित ढाँचे में भगवान राम की मूर्ति रखने की इज़ाज़त के लिए अर्ज़ी दाखिल की गई ।
साल 1961 :
उत्तर प्रदेश सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने विवादित जगह से मूर्ति हटाने के लिए अर्ज़ी दाखिल की ।
साल 1984 :
विवादित जगह पर मंदिर बनाने के लिए विश्व हिंदू परिषद ने एक कमिटी बनाई ।
साल 1986 :
1 फ़रवरी 1986 को हिंदुओं को पूजा करने की इज़ाज़त मिली ।
6 दिसंबर 1992 :
शिवसेना और दूसरी हिंदू संगठनों के लाखों कार्यकर्ताओं ने विवादित ढाँचे को गिरा दिया , देश भर में दंगे हुए जिसमें दो हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए ।
साल 2010 :
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित स्थल को बराबर हिस्सो में बाटने का आदेश दिया ।
साल 2011 :
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फ़ैसले पर रोक लगायी ।
8 मार्च 2019 :
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा , पैनल को 8 सप्ताह के अंदर कार्यवाही ख़त्म करने को कहा ।
1 अगस्त 2019 :
पैनल ने रिपोर्ट प्रस्तुत की ।
16 अक्तूबर 2019 :
अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हुई , फ़ैसला सुरक्षित रखा ।
9 नवंबर 2019 :
सुप्रीम कोर्ट के पाँच जजों की बेंच ने राम मंदिर के पक्ष में फ़ैसला सुनाया ।
25 मार्च 2020 :
28 साल बाद भगवान राम को टेंट से निकालकर फ़ाइबर के मंदिर में शिफ्ट किया गया ।
5 अगस्त 2020 :
राम मंदिर भूमि पूजन किया गया
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