अयोध्या राम मंदिर में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले Ram Lalla की नयी तस्वीर सामने आई है जिसको मूर्तिकार अरुण योगिराज ने बनाया है ।
मूर्ति में रामलला के 5 वर्ष के बाल स्वरूप को दर्शाया गया है ।
आइये जानते है रामलला की मूर्ति में क्या है ख़ास :
जैसा कि हम सब जानते है 22 जनवरी 2024 को भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा होने में कुछ वक़्त ही बचे हैं और साथ ही में विधियों और अनुष्ठान का क्रम भी
शुरू हो गया है ।
प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के चौथे दिन शुक्रवार को सुबह नौ बजे अरणी मंथन से अग्नि प्रकट करने के साथ ही चौथे दिन के अनुष्ठान की शुरुवात की गई । इसी बीच गर्भ गृह में भगवान राम की मूर्ति स्तापिथ करने के बाद मूर्ति की बेहद ख़ास तस्वीर सामने आई । मूर्ति में भगवान राम के पूरे स्वरूप को देखा जा सकता है|
मूर्ति की विशेषताएँ :
मूर्ति में भगवान राम के बालत्व , देवत्व और राजकुमार तीनों गुणों की छवि देखी जा सकती है ।
इस मूर्ति में पूरे सनातन धर्म को देखा जा सकता है
यह मूर्ति भगवान राम के पाँच वर्ष के बाल स्वरूप की है जिनका दृश्य बहुत सौम्य मालूम होता है हालाँकि अभी भगवान राम के आँखों पर पट्टी बंधी हुई है ।
सूर्यवंशी भगवान राम के मुकुट के ठीक ऊपर सूर्य भगवान विराजमान है और भगवान राम के मुख के चारो ओर द्वार पर सनातन धर्म में अधिक महत्व रखने वाले सारे चिन्ह इंकित किए गए हैं
स्वस्तिक: सनातन धर्म में स्वस्तिक को मंगल प्रतीक माना जाता है जिसको किसी शुभ काम
करने से पहले अंकित किया जाता है ।
ॐ: शांति और भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है ।
चक्र: भगवान विष्णु का प्रमुख आयूघ है जो उनके द्वारा संसार की सुरक्षा और धर्म की रक्षा करने के लिए प्रयोग किया जाता है ।
गदा: ईश्वर की अनंत शक्ति , बल का प्रतीक होता है ।
शंख: को धर्म का प्रतीक माना जाता है ।
भगवान गणेश: को एकाग्रता और शुभ माना जाता है , सनातन धर्म में किसी भी शुभ काम करने में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है ।
मूर्तिकार अरुण योगिराज ने मूर्ति में भगवान श्री राम को अति सुंदर मस्तक , बड़ी आँखें और भव्य ललाट आकृति प्रदान की है ।
भगवान राम का दाहिना हाथ आशीर्वाद मुद्रा में देखने को मिलता है तो दूसरी और बायें हाथ में भगवान श्री राम ने धनुष को पकड़े रखा है ।
वहीं नीचे दोनों स्तंभ में भगवान विष्णु के प्रमुख दसो अवतार को इंकित गया है
दाहिने स्तंभ पर भगवान विष्णु के पाँच अवतार
मत्स्य अवतार
कूर्म अवतार
वराह अवतार
नरसिंह अवतार
वामन अवतार
वही बायें स्तंभ पर
परशुराम अवतार
राम अवतार
कृष्ण अवतार
बुद्ध अवतार
कल्कि अवतार दर्शायें गयें हैं ।
भगवान राम के दाहिने चरण की ओर हम सबकी प्रिय स्थान चरणों में उनके परम भक्त हनुमान जी को दर्शाया गया है और बायें ओर चरणों में भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ देव को स्थान दिया गया है ।
और क्या है Ram Lalla की मूर्ति में खास?
मूर्ति में बहुत सी विशेषताएँ हैं पर कुछ बातें मूर्ति को और ख़ास बनाती है ।
मूर्ति को श्याम शीला से बनाया गया है जिसकी कुल ऊँचाई 4.24 फीट और चौड़ाई 3 फीट है और मूर्ति का वजन क़रीब 200 किलोग्राम की है ।
मूर्ति को श्याम शीला से बनाये जाने के कारण मूर्ति की आयु हज़ारो वर्ष की होगी और पानी से इस मूर्ति को नुक़सान
नहीं होगा ।
रोली ,चंदन , तिलक लगाने से भी मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होगी ।
भगवान राम कमल दल पर हाथों में तीर और धनुष लिए खड़ी मुद्रा में विराजमान हैं ।
प्राण प्रतिष्ठा :
22 जनवरी को सुबह Ram Lalla के विग्रह की पूजा की जाएगी और दुपहर में मृगशीरा नक्षत्र में रामलला का अभिषेक किया जाएगा ।
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