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january 2024 pradosh vrat (Pradosh Kab hai?)

Updated: Jan 8


january 2024 pradosh vrat tithi and vidhi by Kashidarshana

Pradosh vrat 09 january 2024(january 2024 pradosh vrat)

•हिंदू धर्म के हिसाब से हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है ।

•इस नये वर्ष का पहला प्रदोष व्रत 09 जनवरी 2024 को रखा जाएगा ।(january 2024 pradosh vrat)

•प्रदोष व्रत भगवान शिव को अत्यंत प्रिय माना जाता है और भगवान शिव को प्रशन्न करने और उनका •आशीर्वाद पाने का सबसे आसान उपाय है प्रदोष व्रत रखना ।

•इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए ।

•जब प्रदोषम मंगलवार को पड़ता है तो उसे भौम प्रदोष भी कहा जाता है ।


 

भौम प्रदोष व्रत मुहूर्त :-

भौम कृष्ण प्रदोष व्रत : 09 जनवरी 2024

•प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त : 05:41 pm से 08:24 pm तक

•प्रदोष पूजा अवधी : 2 घंटा 43 मिनट

•त्रयोदशी तिथि शुरू - 11:58 PM 08 जनवरी , 2024

•त्रयोदशी तिथि अंत - 10:24 PM 09 जनवरी , 2024

•प्रदोष व्रत के दिन रुद्राभिषेक करना शुभ और फलदायी माना जाता है ।

 

प्रदोष व्रत करने के फ़ायदे :-

•इस वर्ष का पहला प्रदोष व्रत और भगवान शिव की प्रिय रात्रि यानी की मासिक शिवरात्रि दोनों एक दिन ही पड़ रहे है ( 09 जनवरी 2024) और आप इस शुभ दिन में भगवान शिव के साथ भगवान हनुमान की पूजा करके अपने पापों से छुटकारा पा सकते है और पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है ।

•प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि व्रत का संयोग पूर्व जन्म के पापों एवं कष्टों एवं पापों से मुक्ति पाने के लिए बहुत लाभदायी होता है. ऐसे में शिव पूजा करने वालों को दोगुना लाभ होगा. वहीं ये भौम प्रदोष व्रत होगा. जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और समृद्धि के लिए किया जाता है।

•हिंदू ग्रंथों के अनुसार , जितना पुण्य 2 गऊ का दान करने से होता है उतना ही पुण्य एक प्रदोष व्रत रखने से मिलता है|

•पुराणो में उल्लेख है कि भौम प्रदोष का व्रत रखने से आप सभी प्रकार के रोगों से छुटकारा पा सकते हैं और अपने जीवन की प्रगति और मान सम्मान में आने वाली दिक्कतों से छुटकारा पा सकते हैं ।


प्रदोष व्रत पूजा विधि :-

•सुबह उठ कर स्नान करे और साफ़ कपड़े पहनें।

•भगवान शिव का ध्यान करके व्रत एवं पूजा का संकल्प लें।

•शाम के वक़्त भगवान की चौकी तैयार करे और सबसे पहले भगवान गणेश की मूर्ति स्तापिथ करें ।

•फिर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्तापिथ करे और विधि विधान से पूजा करें।

•पूजा के दौरान शिवलिंग को गंगाजल और गाय के दूध से स्नान कराएं।

•उसके बाद सफेद चंदन का लेप लगाएं। महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी का पत्ता, सफेद फूल, शहद, भस्म, शक्कर आदि अर्पित करें।

•इस दौरान ''ओम नमः शिवाय'' मंत्र का उच्चारण करते रहें।

•इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें और बुध प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें। फिर घी का दीपक जलाएं और शिव जी की आरती करें।

•इसके बाद पूजा का समापन क्षमा प्रार्थना से करते हुए शिवजी के सामने अपनी मनोकामना व्यक्त कर दें।

•इसके अगले दिन सुबह स्नान आदि के बाद फिर से शिव जी की पूजा करें। फिर सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें।

 

प्रदोष व्रत पर भूल कर भी ना करें ये चीज़ें:-

•प्रदोष व्रत के दिन घर को गंदा न रखें। अच्छी तरह साफ करें.

•प्रदोष व्रत के दिन लहसुन-प्याज जैसी तामसिक चीजों का सेवन न करें तो बेहतर है।

•मांस-मदिरा का सेवन करने से बचें ।

•बिना स्नान किए शिवलिंग को नहीं छूना चाहिए।

•भगवान शिव को हल्दी, केतकी, सिन्दूर, तुलसी, नारियल पानी आदि नहीं चढ़ाना चाहिए।


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