Kya hai Bhavishya Malika?(bhavishya malika 2024)
एक निर्धारित वर्षों की संख्या की काल अवधि को एक युग कहते हैं और हिंदू धर्म ग्रंथों में चार युगों का वर्णन है (bhavishya malika 2024)|
•सतयुग 1,728,000 (वर्षों की अवधि )
•त्रेतायुग 1,296,000 (वर्षों की अवधि )
•द्वापरयुग 864,000 ( वर्षों की अवधि )
•कलियुग 432,000 ( वर्षों की अवधि )
•जैसा कि हम जानते है कि तीन युग बीत चुकें हैं और कलियुग यानी की कली का युग चल रहा है जिसकी शुरुवात “भगवान विष्णु” के आठवें अवतार “ भगवान कृष्ण “ की एक शिकारी द्वारा तीर लगने से मृत्यु होने पर शुरू हुई ।
•कलियुग के 5125 वर्ष बीत चुके हैं और धीरे धीरे पाप अपनी चरम सीमा पर पहुँच रहा है ।
•वर्ष 1600 के तक़रीबन उड़ीसा के पंडित अच्युतानन्द दास द्वारा भविस्य मलिका नाम की किताब लिखी गई ।
•उड़ीसा के पाँच महान पण्डित जिनके नाम , पंडित अच्युतानन्द दास , पंडित अनंत दास , पंडित जसोवंत दास , पंडित जगन्नाथ दास , पंडित बलराम दास थे ।
•इन पांच संतों ने उड़ीसा की वैष्णव परंपरा में आध्यात्मिक साहित्य और दर्शन को नया आकार दिया
सभी पाँचों पंडितों को ”पंचसाखा“ के नाम से भी जाना जाता था ।
•पंडित अच्युतानन्द दास के पास भुत, वर्तमान और भविस्य देखने शक्तियाँ थी जिसके आधार पर उन्होंने भविष्यवाणियाँ किताब में लिखी थी ।
उनके द्वारा बतायी हुई कुछ बातें :-
पंडित अच्युतानन्द दास ने भविस्य में होने वाली घटनाओं को विस्तार से भविस्य मलिका में लिखा है जैसे की सामाजिक अस्थिरता , धर्म का नाश , अधर्म को अपनाना , भ्रष्टाचार इत्यादि ।
•इंसान भगवान की आराधना से दूर होने लगेगा और अधर्म के रास्ते पर चलने लगेगा ।
•इंसान अपने गुरुजन और अपने बड़ो का आदर नहीं करेगा ।
•साधु संत लोगो को मूर्ख बनाने का काम करेंगे कुछ ही लोग धर्म का पालन करेंगे ।
•घूसख़ोरी और लालच चरम पर होगा ।
भविस्य मलिका की भविष्यवाणी :- (bhavishya malika 2024)
•जब बृहस्पति और शनि मकर राशि में प्रवेश करेंगी तो कृषि नाश होगा और जैसा कि वर्ष 2020 - 2021 में घटित हो चुका है , भारत किसान आंदोलन ।
•सूर्या की वजह से लोगो में परेशानियाँ बढ़ जाएँगी और आज के वक़्त में ग्लोबल वार्मिंग की वजह से लोगो को सूर्या की किराने हानि पहुँचा रही हैं ।
•चक्रवात और सुनामी की वजह से भारी तबाही होगी।
•वर्ष 2022 से 2027 के बीच में विश्व के कई हिस्सा में भूकंप से भारी नुक़सान होगा और हाल ही में भूकंप की वजह से जापान देश में भारी नुक़सान हुआ है ।
•पृथ्वी का तापमान बढ़ जाएगा ।
•हिमखंड (glacier ) पिघलने लग जाएँगे जिसका परिणाम यह hoga की बहुत से देश जलमग्न हो जाएँगे और उनका अस्तित्व ख़त्म हो जाएगा ।
•तृतीय विश्व युद्ध की शुरुवात होगी ।
•रुस और यूरोप के देशों में महायुद्ध होगा जिससे भारी तबाही होगी और दुनिया की कुल आबादी 64 करोड़ ही रह जाएगी ।
•तृतीय विश्व युद्ध एक न्यूक्लियर युद्ध होगा ।
भविस्य मलिका में भारत का वर्णन :-
अखंड भारत का निर्माण :-
•अखंड भारत का निर्माण होगा , तृतीय विश्व युद्ध के बाद सीमाएँ बदल जाने से सिर्फ़ 111 देश ही बचेंगे जो सनातन धर्म का स्वीकार कर लेंगे ।
•चाइना और 13 मुस्लिम देश भारत पर हमला करेंगे और यह युद्ध 13 महीनों तक चलेगा जिसका परिणाम यह होगा कि चाइना कई हिस्सो में टूट जाएगा और पाकिस्तान और बाक़ी के मुस्लिम देश नष्ट हो जाएँगे ।
•तृतीय विश्व युद्ध 6 साल 6 महीनों तक चलेगा जिसमें भारत आख़िर के 13 महीनों में युद्ध में हिस्सा लेगा ।
•भारत बचे हुए देशों को रुस के साथ मिलकर नये युग की तरफ़ ले जाएगा और विश्व का नेतृत्व भी करेगा ।
•अखंड भारत की शासन व्यवस्था अलग होगी और लोकतंत्र से भी उत्तम व्यवस्था क़ायम होगी ।
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जगन्नाथ पुरी :-
•भगवान जगन्नाथ का अनादर किया जाएगा ।
•जगन्नाथ पुरी मंदिर का एक विशाल पत्थर गिर जाएगा ।
•मंदिर के ध्वज या पताका में आग लग जाएगी ।
•मंदिर के परंपराओं में बदलाव किए जाएँगे जो ही हानिकारक रूप में परिवर्तित होंगे ।
•कल्पवृक्ष्य , एक पवित्र पेड़ माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि उसका एक पत्ता टूटने पर भगवान को अत्यंत पीड़ा होती है और उसके टूटने पर विश्व में बहुत लोगो की मृत्यु होने लगेगी और कल्पवृक्ष धीरे धीरे करके टूट रहा है ।
•उड़ीसा में भारी सुनामी की वजह से उड़ीसा के 6 शहर जलमग्न हो जाएँगे और पानी मंदिर के 22वें सीढ़ी तक आ जाएगा जिसकी वजह से भगवान जगन्नाथ को छतिया बता जगह पर ले जया जाएगा जो की कटक से 30किमी दूर जाजपुर ज़िले में है ।
•उड़ीसा के पुरी के आख़िरी राजा गजपति महाराज होंगे और अभी के वक़्त में पूरी के राजा गजपति महाराज हैं ।
•भारत देश की सत्ता का नेतृत्व एक योगी पुरुष और कट्टर सनातनी करेगा जिसके बच्चे नहीं होंगे ।
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